दिनांक 8 जून 2025 दिन- रविवार

🌹ओ३म्🌹
🪷🪷परमात्मने नम:। 🪷🪷

आज दिनांक 8 जून 2025 दिन-  रविवार को भारतीय प्रबन्धन संस्थान लखनऊ के परिसर में स्थित सामंजस्य हॉल में स्मृति शेष आर. के .शर्मा जी की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर सत्य सनातन वेद प्रचार न्यास,लखनऊ के तत्त्वावधान में वैदिक सत्सङ्ग सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम दो सत्रों में हुआ। प्रथम सत्र में देवयज्ञ हुआ,जिसमें मुख्य यजमान श्री सुरेश शर्मा व श्रीमती यशोदा शर्मा जी थी। सहयोग यजमान के रूप में श्री आशाराम जी, श्रीराम चन्द्र जी आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का द्वितीय सत्र में भजन, उपदेश, वार्षिक कार्य विवरणिका का विमोचन व अतिथि उद्बोधन हुआ। द्वितीय सत्र का शुभारम्भ ब्रह्मचारी श्री अनुराग मिश्र जी द्वारा प्रस्तुत शिक्षाप्रद गीत से हुआ, जिसके बोल थे जिये जा रहे हैं, जिये जा रहे हैं, सफर को खतम हम किये जा रहे हैं इसी क्रम में न्यास की उपदेशिका श्रीमती कविता सहगल जी ने त्वं

सोमासि सत्पतिस्त्वं———————-ऋग्वेद- 1/91/5 मंत्र का क्रमश: परिचय, भावार्थ और ज्ञान वर्धक विवेचना प्रस्तुत की, जिसकी सभी ने समवेत स्वर में प्रशंसा किया। इसी अवधि में महापौर – लखनऊ श्रीमती सुषमा खर्कवाल , माननीय मुकेश शर्मा जी (MLC), श्री रमाशंकर साहू जी( सदस्य- उ प्र शासन पिछड़ा वर्ग आयोग), श्री मोहन लाल गुप्तजी ( उपाध्यक्ष प्रदेश साहू संघ), श्री शौरभ तिवारी जी ( पार्षद् प्रतिनिधि) एवं श्री दीपक लोधी जी (पार्षद) प्रभृति अति विशिष्ट अभ्यासों ने हर्षोंउल्लास के साथ उक्त न्यास के तथ्यों से भरपूर प्रतिवेदन का अपने कर-कमलों से विमोचन किया।

विमोचन से क्षण भर पूर्व न्यास के समर्पित कोषाध्यक्ष डॉ संजय प्रसाद गुप्त जी ने प्रकाशित प्रतिवेदन के प्रमुख विन्दुओं पर प्रकाश डाला जो पधारे अतिथियों के वक्तव्य के आधार बने।आचार्या प्रियंका शास्त्री जी द्वारा प्रस्तुत भजन सज – धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी××××××××××× न चांदी काम आएगी । ने सभी सज्जनों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस अवसर पर मंचस्थ स्वामी श्रद्धानन्द जी महाराज ने दान के माहात्म्य, माता- पिता की सेवा और मानव जीवन के उद्देश्यों पर ऐतिहासिक कथानकों के माध्यम से विस्तृत प्रकाश डाला। न्यास के संस्थापक और यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य विश्वव्रत शास्त्री जी ने वेद और वेदोक्त ग्रन्थों का आश्रय ले मृत्यु एवं मृत्यु के रहस्य का उद्घाटन करते हुए उपस्थित जन समुदाय को मृत्यु के भय और मृत्यु के दु:ख से मुक्त कराया और अनेकानेक महापुरुषों का उदाहरण प्रस्तुत कर मृत्यु को जीवन का दूसरा सनातन घटक बताया। आयोजन की श्रृंखला में महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल ने भारत माता की जय घोष के साथ भारत के सनातन समाज, सनातन शिक्षा और सनातन संस्कारों की आवश्यकता पर बल दिया साथ ही स्वयं भी इन शाश्वत मूल्यों को अपने जीवन का अंग बनाने का संकल्प लिया। इस क्षण वह भावुकतापूर्ण स्वर में बोलीं कि अयोध्या धाम में श्री राम की जीवंत प्रतिमा की स्थापना मेरे लिए सुखद तथा शान्ति प्रदायक है। सम्माननीय मुख्य अतिथि श्री मुकेश शर्मा जी ने व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण में न्यास की बहुआयामी भूमिका की हार्दिक प्रशंसा की साथ ही इस हेतु आपने आचार्य विश्वव्रत शास्त्री जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। आयोजन में श्री रमाशंकर साहू जी, श्री मोहनलाल गुप्त जी, श्री दीपक लोधी जी, श्री शौरभ तिवारी जी एवं श्रीमती प्रशिषा आर्या जी प्रभृति महानुभावों की गौरवपूर्ण सहभागिता मुहुर्मुहु: आदरणीय है। आयोजन के अन्त में वैदिक मिशनरी, न्यास की अद्भुत विभूति, कर्मयोगी और न्यास के संरक्षक स्मृति शेष आर के शर्मा जी को सभी ने श्रद्धापूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में श्री अखिलेश मिश्र जी, श्री सी वी सिंह जी, श्री नवीन कुमार सहगल जी, श्री मनमोहन तलवाड़ साहब, श्री देवेन्द्र अग्निहोत्री जी, श्रीमती रश्मि गुप्ता जी, श्री अरविन्द जी, श्रीमती मधूलिका जी, संजीव मिश्र जी, श्रीमती हीरा मणि त्रिपाठी जी, श्री/ श्रीमती ओमप्रकाशजी, श्रीमती सन्ध्या रानी जी, श्री नरेन्द्र जी, श्री महेन्द्र सिंह जी, श्री महेन्द्र पाल जी सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।

श्री सुरेश शर्मा जी ने सभी अभ्यासों के प्रति सादर कृतज्ञता ज्ञापित की। संचालन दायित्व का जिम्मेदारी एवं जवाबदेही पूर्ण संचालन डॉ सत्यकाम आर्य जी ने किया।