साप्ताहिक देवयज्ञ एवं सत्संग

🌹ओ३म्🌹
🪷🪷हरि: पवित्रे अर्षति🪷🪷

आज दिनांक 12/05/2024 रविवार को सत्य सनातन वेद प्रचार न्यास का साप्ताहिक सत्संग न्यास के कोषाध्यक्ष डॉ संजय प्रसाद गुप्त जी के निवास (मकान नम्बर- 321, ओरो सिटी, तिवारी चौराहा के निकट, जानकीपुरम विस्तार,लखनऊ)
पर प्रातः 8:00 बजे से 10:00 तक संपन्न हुआ।
प्रथम सत्र में श्री संजय प्रसाद गुप्त एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती संध्या रानी गुप्ता मुख्य यजमान बनें। आचार्य विश्वव्रत शास्त्री एवं डॉ. सत्यकाम आर्य के निर्देशन में उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ देवयज्ञ में आहूतियां देकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इसके पश्चात् भजनोपदेश के रूप में दूसरा सत्र प्रारम्भ हुआ। इस सत्र का सफलतापूर्वक संचालन श्रीमती रश्मि गुप्ता जी ने किया। सर्वप्रथम श्रीमती कविता सहगल ने ईश्वर भक्ति के भजन से इस सत्र का शुभारम्भ किया भजन के बोल थे – तुम्हारे दर पे ही योगी मुनी सब सिर झुकाते हैं। तुम्हीं से प्रेम करते हैं तुम्हारे गीत गाते हैं….. प्रभु भक्ति से ओत-प्रोत दूसरा भजन श्री नरेंद्र आर्य जी ने गाया। जिसके बोल थे – हे जगदीश्वर, हे भगवान् । सबसे निराली तेरी शान…

वैदिक विद्वान् डॉक्टर सत्यकाम आर्य ने ऋग्वेद के एक मंत्र की व्याख्या करते हुए ईश्वर को परम सखा बताया। उपस्थित लोगों को ईश्वर से जुड़ने के लिए उसके कर्मों को विचारपूर्वक देखने का आह्वान किया तथा ईश्वर के प्रमुख पांच कर्मों का परिगणन करते हुए उत्तम सन्देश दिया। श्रीमती हीरामणि त्रिपाठी ने मेरे देश की महिमा सबसे पुरानी है सबसे निराली है गीत गाकर सभी को राष्ट्रीय दायित्वों के निर्वहन हेतु जागरूक किया। अन्त में आचार्य विश्वव्रत शास्त्री ने ईश्वर प्राप्ति के लिए अष्टांग योग की चर्चा करते हुए यमों (अहिंसा, सत्य,अस्तेय,ब्रह्मचर्य ,अपरिग्रह) में अहिंसा की व्याख्या की। आयोजक डॉ संजय प्रसाद गुप्त ने आभार प्रकट किया। शान्तिपाठ के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से.……… ……… उपस्थित रहे।