51 कुण्डीय महायज्ञ एवं वेद कथा दिनांक 14 जनवरी 2025

🌹ओ३म्🌹
🪷🪷हरि: पवित्रे अर्षति🪷🪷
(51 कुण्डीय महायज्ञ एवं वेद कथा )

संस्कृत के महान् कवि माघ ने शिशुपालवधम् के ग्यारहवें सर्ग में प्रभातकालीन देवयज्ञ (हवन ) का वर्णन करते हुए लिखा है कि –
प्रतिशरणमशीर्णज्योतिरग्न्याहितानां विधिविहितविरिब्धैः सामिधेनीरधीत्य ।कृतगुरुदुरितौघध्वंसमध्वर्युवर्यैर् हुतमयमुपलीढे साधु साम्नाय्यमग्निः॥

अर्थात् यजमानों ने यज्ञ कुण्ड में अग्न्याधान कर दिया है , यज्ञकुण्ड उत्तम प्रकार से प्रज्जवलित हो रहे हैं। पुरोहित वेदपाठ कर रहे हैं और हवन होने लगा है।

यह दृश्य साकार हो रहा था 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रान्ति के पावन पर्व पर जानकीपुरम् में अटल चौराहे के समीप स्थित मदर्स प्राइड स्कूल में । विद्यालय के विशाल प्रांगण में साज सज्जा से युक्त अलग-अलग अवस्थित 51 यज्ञ वेदियों पर आध्यात्मिक भावनाओं से सराबोर याज्ञिकों के हजारों नेत्र इस अलौकिक दृश्य के साक्षी बन दिव्य आनन्द का अनुभव कर रहे थे। आयोजन स्थल पर श्रद्धा का ज्वार उमड़ता देख मानों सभी के हृदय से यही आवाज आ रही थी कि तिल रखने की जगह नहीं बची यज्ञ की पूर्णाहुति पर यज्ञ प्रार्थना और आरती गान के पश्चात् वेद कथा में आचार्य विश्वव्रत शास्त्री द्वारा वैदिक आदर्श परिवार की महत्ता विषय पर केन्द्रित कथा के मध्य आचार्या प्रियंका शास्त्री व श्रीमती कविता सहगल , ने हम कभी माता-पिता का ऋण चुका सकते नहीं तथा
जिस घर में हो प्यार, हो पितरों का सत्कार, खुश रहते हों नरनार वह घर कितना सुंदर है श्री सर्वमित्र शास्त्री ने
तेरे नाम का सुमिरन करके मेरे मन में सुख भर आया। तेरी दया को मैंने पाया तेरी कृपा को मैंने पाया…. एवं …
जिस घर में एक दूजे की बात जाए मानी। उस घर कभी न आए कोई भी परेशानी…. श्री महेंद्र सिंह ने अग्निमीऴे पुरोहितं कहो जैसे भजनों को गाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।विगत 19 वर्षों से आयोजित होने वाला यह उत्तम आयोजन इस वर्ष भी सभी के हृदयों पर अमिट छाप छोड़ने में सफल रहा।

आइए सफलता के प्रमुख बिन्दुओं का करते हैं सिंहावलोकन-

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🌹 आमन्त्रण बाद में सूचना पहले🌹
इस बार क्षेत्र में कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिला । क्षेत्रीय नागरिकों को आमन्त्रित करने के लिए प्रचार टोली जिस गली या मोहल्ले में पहुंचती वहां के लोग बताते कि हमें पहले ही सूचना मिल चुकी है अर्थात् न्यास द्वारा आमन्त्रण के लिए बनाई गई टोली के जाने से पूर्व ही वैदिक परिवार के सदस्य अपने-अपने क्षेत्र में कार्यक्रम की सूचना लगातार देते रहे और लोगों को आमंत्रित करते रहे जिस कारण से जन सामान्य में यह आयोजन लगातार चर्चा का विषय बना रहा और लोगों ने प्रतिकूल मौसम के पश्चात् भी भारी संख्या में सहभागिता दी।

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💐 स्वयं सेवक परिजनों का परिश्रम💐
आयोजन में उपस्थित होने वाले श्रद्धालुओं की पार्किंग व्यवस्था, पादुका व्यवस्था, रसोई व्यवस्था की अलग-अलग तैयारियां कर रहे स्वयं सेवकों का परिश्रम सफल आयोजन के रूप में प्रतिफलित हुआ। न्यास के संगठन मन्त्री एवं मदर्स प्राइड स्कूल के स्वामी तथा विगत आयोजनों को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने में अपने अनुभवों को कार्य रूप देने वाले श्री देवेन्द्र स्वरूप अग्निहोत्री तथा आयोजन में चतुर्दिक् दृष्टि रखकर कार्यक्रम को निर्विघ्नता देने वाली माता रश्मि गुप्ता विगत कई महीनों से गुजरात प्रांत के अहमदाबाद में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं किन्तु वहीं से उन्होंने लगातार कार्यक्रम की जानकारी प्राप्त कर उचित मार्गदर्शन देते हुए कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया व कार्यक्रम स्थल आदि समीक्षा की जिसके परिणाम स्वरूप गत वर्षो की भांति इस वर्ष का कार्यक्रम भी निर्विघ्न सम्पन्नता को प्राप्त हुआ।

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🙏🙏 स्वागत व्यवस्था टोली 🙏🙏
व्यवस्था प्रमुख श्रीमती हीरामणि त्रिपाठी के नेतृत्व में स्वागत व्यवस्था टोली ने अपने दायित्व का निर्वहन सफलतापूर्वक किया। अतिथियों के आगमन पर हस्त प्रक्षालन करना, तिलक लगाकर साभिवादन उन्हें यथोचित स्थान पर बैठाना तथा अतिथियों को जाते समय समुचित प्रसाद देकर विदा करना अर्थात् मानों इस टोली का ध्येय ही था –

अभिनन्दन मेहमान का,
हो स्वागत सम्मान
मधुर भाष मुख हास से,
समझ अतिथि भगवान।

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🌹💐 सज्जा टोली 💐🌹
श्रीमती आराधना सिन्हा के नेतृत्व में सज्जा टोली के सदस्यों ने कार्यक्रम स्थल को अत्यन्त आकर्षक और मनोहारी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रवेश द्वार की सजावट जहां प्रभावशाली थी वहीं मञ्च भी अत्यन्त आकर्षक लग रहा था। कार्यक्रम स्थल के केन्द्र में प्रधान कलश वेदी की सज्जा ने तो कार्यक्रम स्थल की शोभा को स्वर्ण सुगन्धि संयुक्त कर दिया। दीप स्टैण्ड पर जगमगाते शताधिक दीपों ने भी अतिथियों को अपने सामर्थ्य का बोध कराया। मञ्च के दोनों ओर अवस्थित चारों वेदों की प्रतिकृतियों ने भी मन्त्रमुग्ध किया।

🔥🔥कुण्ड प्रभारी🔥🔥

श्री अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में प्रत्येक कुण्ड पर एक प्रशिक्षित कुण्ड प्रभारी द्वारा ससमय हवन सामग्री, यज्ञपात्र, सुसज्जित कलश, वरण सामग्री युक्त थाल आदि की व्यवस्था तथा समिधाओं के चयन की उचित प्रक्रिया के कारण सभी कुण्ड धूम्र रहित अर्थात् निरन्तर प्रज्वलित रहे तथा प्रत्येक कुण्ड पर घृत , सामग्री, समिधा आदि पदार्थों की न्यूनता नहीं दिखाई दी।

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💵 अनुदान व्यवस्था 💵
न्यास के कोषाध्यक्ष डॉ संजय प्रसाद गुप्त के नेतृत्व में अनुदान व्यवस्था टोली ने भी दानदाताओं का विश्वास अर्जित करने के लिए पूर्ण प्रयत्न किया। श्रद्धालुओं की सुगमता के लिए अर्थ संग्रह हेतु समुचित मात्रा में बारकोड स्थापित करना हो ,आरती थाल प्रत्येक अतिथि के समीप तक पहुंचाना हो अथवा नाम की घोषणा या दानदाता के विवरण का लेखा जोखा हो अथवा अर्थ शुचिता। इस टोली ने इन सभी कसौटियों पर खरा उतरने का पूर्ण पुरुषार्थ किया अतः कार्यकारिणी के सदस्यों ने ही नहीं अपितु दानदाताओं ने भी इस टोली को हार्दिक आभार पूर्वक बार-बार साधुवाद दिया ।

💵💵💵 🧹(7)💵💵💵💵
🙏🙏🙏 धन संग्रह 🙏🙏🙏

“दान का अर्थ फेंकना नहीं वरन् बोना है।” समाज के धरातल पर दान एक प्रकार की खेती है। जो दिया जाता है, वह परिपक्व होकर समाज की उन्नति, कल्याण, विकास में सहायक होना चाहिए। दान से समाज का शरीर पुष्ट होना चाहिए, तभी वह दान है। अन्यथा दान के नाम पर अपने धन, सम्पत्ति साधनों को नष्ट करना है, व्यर्थ गँवाना है। परमार्थकारियों को दिया गया दान खेत में बोये गए बीज की तरह कई गुना होकर दाता को ही मिल जाता है।
“आपका दान समाज के लिए जितना उपयोगी होगा, उतनी ही उसकी पवित्रता, सात्विकता बढ़ेगी और पात्र के साथ-साथ आपका भी कल्याण सध सकेगा। सोच समझकर पात्र और उसकी आवश्यकता को देखकर, उपयोगिता को समझकर, बिना किसी, लाग लपेट के शुद्ध हृदय से दान दीजिए और समाज का भला कीजिए।
“जो अशर्फी दान नहीं कर सकता, वह पैसा भी दान न करे यह कोई दलील नहीं हैं जो अशर्फी या रुपया दान नहीं कर सकता, वह यथा सामर्थ्य जो कुछ भी सत्कर्म में लगा दे उतना भी उत्तम ही है” यह सुअवसर आयोजन की रसीदें हांथ में लेकर निम्न परिजनों ने अर्थ संग्रह के साथ साथ जन संग्रह भी किया अर्थात् नवीन सदस्यों को भी जोड़ा –
1- श्री सुरेश शर्मा
2- श्रीमती जयन्ती सिंह
3-श्री अरविन्द गुप्त
4- श्री संजीव मिश्र
5-श्री सन्तोष त्रिपाठी
6-श्री अखिलेश मिश्र
7- डॉ संजय प्रसाद गुप्त
8-श्री सर्वमित्र शास्त्री
अर्थ संग्रह में इस वर्ष श्रीमती बबिता श्रीवास्तव, श्रीमती आराधना सिन्हा तथा मानेन्द्र यादव का भी महत्वपूर्ण सहयोग दिखा।
इस वर्ष यज्ञ की सामग्री घृत आदि का अनुदान प्राप्त हुआ श्री अखिलेश मिश्र से। श्रीमान् मिश्र जी ने व्यक्तिगत अनुदान के साथ साथ अर्थ संग्रह में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसके फलस्वरूप आयोजन निर्विघ्नता से सम्पन्न हुआ।

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🚩🚩🚩आहार व्यवस्था 🚩🚩🚩
पुरानी कहावत है जैसा खाए अन्न वैसा बने मन अर्थात् मनुष्य का पाचन तन्त्र अद्भुत है इस पर केवल आहार का ही प्रभाव नहीं पड़ता अपितु स्थान का, वातावरण का और बनाने या परोसने वाले की भावनाओं का प्रभाव भी पड़ता है , आहार व्यवस्था में लगे हुए स्वयंसेवकों ने सद्भावना और स्वच्छता के साथ-साथ भारतीय परिवेश धारण कर सेवा भावना से आहार व्यवस्था के दायित्व का निर्वहन किया। न्यास के संरक्षक श्री अरविन्द गुप्त थे इस व्यवस्था के प्रमुख।। अपनी 28 सदस्यों वाली टोली के साथ जिस प्रकार उन्होंने हजारों व्यक्तियों के जलपान की व्यवस्था अत्यन्त सुचारू रूप से सम्पन्न की उसी प्रकार भोजन व्यवस्था की जिम्मेदारी भी संभाली। इस टोली की प्रशंसा अतिथियों के मुख से बार-बार मुखरित हुई।

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🧹🧹स्वच्छता व्यवस्था‌🧹🧹🧹
श्रीमती आशा के नेतृत्व में स्वच्छता टोली ने आयोजन के सौन्दर्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । शौचालय की स्वच्छता हो अथवा प्रांगण की इस टोली की दृष्टि सर्वत्र रही।

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🔥पूज्य संन्यासियों का आशीर्वाद 🔥

आयोजन में स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती तथा स्वामी वेदामृतानन्द सरस्वती का आशीर्वाद और उपदेश प्राप्त हुआ वहीं वयोवृद्ध स्वामी वीरेन्द्र सरस्वती की उपस्थिति और उनके आशीर्वाद ने कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया। आयोजन में तीनों दिव्य विभूतियों की उपस्थिति से सभी ने गौरव का अनुभव किया और अपने भाग्य की सराहना की।

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🙏 जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति 🙏
कार्यक्रम में श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति के साथ-साथ मा.विधान परिषद् सदस्य श्री मुकेश शर्मा पार्षद् सौरभ तिवारी तथा दीपक लोधी, क्षेत्रीय मण्डल अध्यक्ष श्री राकेश पाण्डेय ,श्री रमाशंकर साहू, सदस्य, उत्तरप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग, उत्तर प्रदेश शासन श्रीमती संयोगिता सिंह चौहान जी ( अटारी – ग्राम प्रधान , प्रधान संघ अध्यक्ष – माल लखनऊ) आदि जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। क्षेत्रीय सभासद ने कार्यक्रम स्थल की स्वच्छता तथा चूना छिड़काव आदि कार्यों को अपनी जिम्मेदारी समझ कर यथा समय सम्पन्न कराया। उनका पुरुषार्थ भी सराहनीय रहा💐💐

 

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🙏🙏 नींव के पत्थर 🙏🙏

1- डॉ. सत्यकाम आर्य
कार्यक्रम की सफलता के प्रमुख स्तम्भ न्यास के संरक्षक डॉ. सत्यकाम आर्य का अनुभवी सुझाव कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण में , जनसंपर्क में तथा आयोजन की उत्तम गतिविधियों में निरन्तर प्राप्त होता रहा जिसके परिणाम स्वरूप आयोजन निर्बाध रूप से सम्पन्न हुआ।

2- श्री नवीन कुमार सहगल

संगठन के अध्यक्ष श्री नवीन कुमार सहगल की कुशल अध्यक्षता में यह आयोजन अत्यंत सफल रहा। सहगल जी की सरलता , योजना से लेकर सफलता तक लगातार सहभागिता और परगुण परमाणून् पर्वतीकृत्य नित्यम्… अर्थात् कार्यकर्ताओं के छोटे-छोटे गुणों को भी बड़ा समझने की प्रकृति आयोजन की सफलता में अत्यन्त सहयोगी रही।

3- श्री देवेन्द्र स्वरूप “अग्निहोत्री” तथा श्रीमती रश्मि गुप्ता
अस्वस्थ और अन्तरप्रान्तीय स्थिति में होते हुए भी जिस प्रकार आप दोनों ने कार्यक्रम के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने में अपनी जिम्मेदारी निभाकर कार्यक्रम स्थल की स्वच्छता का निरन्तर निर्देशन और कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन दिया उसके बिना कार्यक्रम की सफलता सम्भव नहीं थी। हम आपकी उत्तम स्वास्थ्य की परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं।

4- श्रीमती बबिता श्रीवास्तव
वैदिक परिवार की सम्मानित सदस्य और आर्ष गुरुकुलम् की प्राचार्या श्रीमती बबिता श्रीवास्तव का योगदान अत्यन्त सराहनीय है। सामग्री का यथोचित निर्माण, कुण्ड पात्र आदि का उत्तमता से निरीक्षण तथा व्यवस्था में लगे कार्यकर्ताओं को निरन्तर जिम्मेदारी से दायित्व का बोध कराती रहीं जिसके फलस्वरूप कार्यक्रम में सम्पूर्ण तैयारी यथा समय और व्यवस्थित रूप से हो सकी।

5- अनुरागदेव और पवनदेव
दोनों ने जिम्मेदारी पूर्वक कार्यक्रम की व्यवस्था सम्भाली और आयोजन के प्रचार प्रसार की दृष्टि से होर्डिंग्स आदि का निर्माण कराकर ठंडक में रात रात भर स्वयं ही लगाईं। दोनों को शुभाशीष।

🙏🙏🙏उपसंहार🙏🙏🙏

याज्ञिक आये , हुई प्रार्थना,
चरम पतन के महानाश की।
आहुति डाली पावन मन से,
ज्वालाएं भड़कीं प्रकाश की।।
सम्बल -हीन आस्था को जब,
अपने गौरव की ममता दी।
सत्य सनातन न्यास पा गया,
क्रान्ति जगाने की क्षमता भी।।