Shravani Upakarma

श्रावणी उपाकर्म

सत्य सनातन वेद प्रचार न्यास, लखनऊ द्वारा प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के पश्चात वेद प्रचार का एक भव्य कार्यक्रम संपन्न होता है

1. श्रावणी उपक्रम का अर्थ है – इस दिन वेद पढ़ने का आरंभ करना, सामान्य गृहस्थी वैदिक विद्वानों से शंकाओं का समाधान अथवा वेदोपदेश्य श्रवण करना।

2. वेदों का अध्ययन और यज्ञोपवीत परिवर्तन**: इस दिन, लोग वेदों का अध्ययन करने का संकल्प लेते हैं और यज्ञोपवीत (पवित्र जनेऊ) का परिवर्तन करते हैं। यह एक प्रतीकात्मक कार्य है जो दर्शाता है कि वैदिक ज्ञान को पुनः प्राप्त किया जा रहा है और जीवन के आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का संकल्प लिया जा रहा है।

3. श्रावणी का अयोजन**: श्रावणी उपाकर्म के दौरान, धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है, जैसे कि यज्ञ आदि। यह समय आत्म-शुद्धिकरण ज्ञानार्जन के लिए समर्पित होता है, जिसमें पुरानी गलतियों के लिए प्रायश्चित किया जाता है और अच्छे कर्मों का संकल्प लिया जाता है।

4. समुदाय और परिवार के साथ उत्सव**: यह एक ऐसा अवसर है जब परिवार और समुदाय एक साथ आते हैं। सामान्य परिवार इस दिन विशेष पूजा और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। यह एक पारिवारिक और सामाजिक कार्यक्रम भी बन जाता है, जहां परंपराएं पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाई जाती हैं।

श्रावणी उपाकर्म का देवयज्ञ से शुभारम्भ  

प्रवचन करते आचार्य जी एवं भजन प्रस्तुत करती हुयी भजन मंडली