Gurukul Introduction

गुरुकुल परिचय

गुरुकुल अर्थात् आचार्य-कुल, सनातन काल से ऐसी प्राचीनतम शिक्षा-पद्धति है जो चरित्र-निर्माण मूलक रही है । गुरुकुल बालक/बालिकाओं में विभिन्न वेद विद्याओं के अध्ययन स्थली के साथ व्यवहारिक ज्ञान और संस्कारों की निर्माण शाला भी होता है| वैदिक संस्कृति और सभ्यता व जीवन शैली को अक्षुण्ण बनाये रखने में आर्ष गुरुकुल जैसी संस्थाएं अहम् भूमिका निभा रही हैं। वैदिक गुरुकुल सनातन, प्राचीन और ऋषि ज्ञान और विज्ञान का अद्भुत अध्ययन केंद्र हैं| गुरुकुल शिक्षा-प्रणाली वेदोक्त है और गुरुकुल में बालक/बालिका गुरु के कुल का अंग बनकर रहते हैं। बालक/बालिका जन्म देने वाले अपने पिता के छोटे परिवार से हटकर आचार की शिक्षा देने वाले आचार्य के वृहद् परिवार का सदस्य बन जाता है।

समग्र भारतवर्ष में विशिष्ट आर्ष पाठ्यक्रम से चलने वाले गुरुकुलों में श्रीमद्दयानन्द वेदविद्या गुरुकुम् का सम्माननीय स्थान होगा ।गुरुकुल का विशिष्ट पाठ्यक्रम पूर्ण आर्ष विद्या पर आधारित रहेगा|